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शरद पटेल

जन्म १८ अक्तूबर १९५० को मध्य प्रदेश के ऐतिहासिक नगर बुरहानपुर में पिता मुम्बई के प्रसिद्ध वकील एवं आनरेरी मजिस्ट्रेट थे। बचपन से ही घर के वातावरण में रचे बसे ऊंचे आदर्शो धार्मिक विचारों और देशप्रेम की भावना ने उन्हें प्रभावित किया।

१९७२ में विक्रम विश्वविद्याालय उज्जैन से विद्युत अभियंत्रिकी में स्नातक की उपाधि प्राप्त करने के बाद आपने १९७४ में बम्बई विश्वविद्यालय के वी जे टी आई से विद्युत अणु अभियंत्रिकी में स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त की। सम्प्रति वे इंस्टीट्यूट आफ इंजिनियर्स (एम आई ई) के सदस्य, इंस्टीट्यूट आफ मरीन टेक्नालोजी (ए आई मार टेक) के सहयोगी और इंस्टीट्यूट आफ एलेक्ट्रिकल एँड इलेक्ट्रानिक इंजीनियर्स (एम आई ई ई ) के सदस्य हैं।

आप मझगांव डाक्स लिमिटेड तथा इलेक्ट्रिकल रिसर्च एँड डेवलपमेंट असोसियेशन में सहायक प्रबंधक रह चुके हैं । सम्प्रति वे पटेल प्लांटेशंस प्राइवेट लिमिटेड तथा त्रिशूल ग्रुप आफ कंपनीज के चेयरमैन हैं।

आपने अपनी पहली कविता १२ साल की आयु में लिखी और उस समय विक्रम विश्वविद्यालय के डीन तथा हिन्दी के प्रख्यात कवि डा शिवमंगल सिंह सुमन से आशीर्वाद पाया। आप हिन्दी और गुजराती में लिखते हैं तथा संप्रति गुजराती के प्रख्यात कवि मेघभाई दोडेचा `मेघबिंदु' की रचना `संबंध तो आकाश' के अनुवाद में संलग्न हैं। आपकी अन्य रूचियाँ हैं- संगीत प्रकृति और अभिनय।

  अनुभूति में शरद पटेल की रचनाएँ

कविताओं में-
उम्मीद
तिमिर
तुम
नये पैगाम
क्षितिज से परे

संकलन में
गुच्छे भर अमलतास- बूढा लकडहारा
 

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