नीयत तुम्हारी,
नियति हमारी मेरे हिस्से
की नमी में थोडा नमक था
मेरे हिस्से के पानी में कुछ किस्से
मेरे हिस्से के जीवन में एक बेशक्ल इरादा था
तुम्हारे हिस्से की जमीन में
खून की बूँदे थीं
मेहनतकश आवाम के खून की बूँदें
जिनमें सपने थे दुनिया की बेहतर शक्ल के
किस्से थे खूबसूरत दिनों के
इरादे थे उम्मीद की बाजू पर टँगे हुए
सच की हर सेंधमारी के खिलाफ
तुमने टाँग रखे थे अपने हथियार
तुम्हारे हिस्से की जमीन से कहीं ज्यादा थी तुम्हारे कब्जे में
जमीन
कब्जे की जमीन का अपना इतिहास
था
तुम्हारी जमीन पर दर्ज हुई खून की बूँदों का इतिहास
खून के रंग ओ बू से उठती लकीर के खिलाफ
तुमने लगाई ताकत
ताकत जिस पर रहा हमेशा तुम्हारा कब्जा
ये ताकत जिस दिन हमारे हिस्से
में आएगी
हम बुनेंगे
बेहतर दुनिया का दरीचा
इंसानी हक का नया फलसफा
तब तक इंतजार
हमारी नियति है
तुम्हारी नीयत
१५ मार्च २०१० |