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अनुभूति में डा संतोष कुमार पांडे की रचनाएँ -

अंजुमन में-
सौंप दी हर साँस
ग़ज़ल का शौक पाला है
चंद दीवानों पे
शांति के शहतूत

गीतों में-

फागुन की अगवानी में
मौसम का जादूगर
मौसम मधुमास का

 

 

मौसम मधुमास का

हाथ कुदरत के हमें जादू-सा दिखलाने लगे।
खुशबुओं के खत हवा के नाम फिर आने लगे।।

चुपके-चुपके आ गया मौसम मदिर मधुमास का।
फिर हवा में रेशमी रूमाल लहराने लगे।।

मेरे शायर इस फिजां में इस तरह मस्ती तू घोल।
झूम करके आज मौसम खुद ग़जल गाने लगे।।

उनको आता देखकर सजदा बहारों ने किया।
हँस दिए जब वो चमन के फूल शरमाने लगे।

इतनी ज़्यादा मत करो तुम आईने से गुफ़्तगू।
खुद तुम्हारे रूप का तुम पर नशा छाने लगे।।

ये वो पनघट है जहाँ से हर कोई प्यासा गया।
तुम कहाँ संतोष अपने दिल को बहलाने लगे।।

१ मार्च २००६

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