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अनुभूति में डा संतोष कुमार पांडे की रचनाएँ -

अंजुमन में-
सौंप दी हर साँस
ग़ज़ल का शौक पाला है
चंद दीवानों पे
शांति के शहतूत

गीतों में-

फागुन की अगवानी में
मौसम का जादूगर
मौसम मधुमास का

 

सौंप दी हर साँस

सौंप दी हर साँस थी जिसने ज़माने के लिये
लाश उसकी है पड़ी कन्धा लगाने के लिये

और कितने घोंसले आखिर उजाड़े जायेंगे,
सच बता ए बाज! तेरे आशियाने के लिये

किसकी- किसकी बेबसी के साथ खेले हो हुज़ूर
ये शराफतका मुकुट सर पे सजाने के लिये

चिमनियों के साये में वे सिसकियाँ भरते मिले
उम्र जिनकी थी घरों में मुस्कुराने के लिये

जिनके लोहू से उगी थी फ़स्ले-आज़ादी यहाँ
वे तरसते आज भी हैं दाने- दाने के लिये

इन छिली पीठों के काले दस्तखत पहचानिये
वक़्त की रफ़्तार का अंदाज़ पाने के लिये

हो सके तो दिल के आले में हमें रख लीजिये
काम आयेंगे अँधेरों में जलाने के लिये

२१ अप्रैल २०१४

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अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है

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