मनोज शर्मा
जन्म - २४ अगस्त, १९६१ को
गढ़शंकर (पंजाब) के निकट, 'कितना' नामक गांव में
शिक्षा - एम.ए.
कार्यक्षेत्र - मूल रूप से
पंजाबी में लिखना शुरू किया। कालांतर में पंजाबी से हिंदी में कई
अनुवाद भी किए जिनमें 'पाश' के गद्य का अनुवाद प्रमुख है।
'नवांज़माना' (पंजाबी-दैनिक) में अर्से तक स्तंभ भी
लिखा।राजनैतिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियों से संबद्ध रहे। रेडियो,
दूरदर्शन तथा रंगमंच से भी लगाव रहा। कई पुरस्कार भी खाते में
हैं।
नौकरी के पंद्रह वर्ष जम्मू में बीते। इस दौरान वहां 'संस्कृति
मंच' की स्थापना की, प्रांत का प्रथम हिन्दी अख़बार निकाला, युवा
संस्कृतिकर्मियों को पोस्टर-कविता एवं
नुक्कड़-गीत/नुक्कड़-नाटकों से जोड़ा, 'दैनिक कश्मीर टाइम्स'
सक्रिय रहे और 'फिलहाल' नामक साप्ताहिक स्तंभ चलाया। आपने
'हिन्दी साहित्य मंडल, जम्मू' की पत्रिका 'मधुरिमा' सहित अनेक
कविता-लीफ/ पोस्टर संपादित किए, राष्ट्रीय सेमीनारों का आयोजन
किया व शोध-पत्र पढ़े हैं।
पिछले कुछ वर्षों से मुंबई में
निवास, 'जन संस्कृति मंच' की स्थापना और 'सही समझ' नामक पत्रिका
में कविता संबंधी स्तंभ 'सरोकार'।
प्रकाशित कृतियां-कविता-संग्रह
'यथार्थ के घेरे में' एवं 'यकीन मानो मैं आऊंगा'।
ई मेल :
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