अनुभूति में
अनिता मांडा की रचनाएँ-
नयी रचनाओं में-
आप चाहे कहा नहीं करते
जख्म दिल के
दर्द की सूरत
बेटियाँ
सफर में हूँ
छंदमुक्त में-
आजकल
एक इबादल
कितना सुकूँ
सभ्यताएँ
सितारे रिश्ते इंसान
अंजुमन में-
किश्ती निकाल दी
गला के हाड़ अपने
पंख की मौज
लबों पर आ गया
शाम जैसे |
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दर्द की सूरत
दर्द की सूरत मिली तस्वीर है
अश्क़ बन बहती नहीं क्यों पीर है
रंग तुझसे हैं तसव्वुर में मेरे
तू ही मेरे ख्वाब की ताबीर है
आरज़ू दिल में मेरे परवाज़ की
पाँव में पहनी हुई जंजीर है
कौन खायेगा मुहब्बत की क़सम
अब न वो राँझा न अब वो हीर है
दिल से यादों के निशां मिटते नहीं
कितनी पक्की वक़्त की तहरीर है
१ दिसंबर २०१६
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