अनुभूति में सुमन
कुमार घई की रचनाएँ-
छंदमुक्त में-
कैसी वसंत ऋतु
खो चुका परिचय
चीत्कार
जीवन क्रम
प्रेम कहानी
प्रेम के दो भाव
मनदीप पुकार
मैं उसे ढूँढता हूँ
वह पेड़ टूट गया
क्षणिकाओं में-
वसंत
संकलनों में-
वसंती हवा-
काश मिलो तुम भी
धूप के पाँव-
गरमी की अलसाई सुबह
वर्षा मंगल–
सावन और विरह
गाँव में अलाव –
स्मृतियों के अलाव
गुच्छे भर अमलतास–
अप्रैल और बरसात
शुभकामनाएँ
नया साल–
नव वर्ष की मंगल वेला पर
–नव
वर्ष के गुब्बारे
जग का मेला–
गुड्डूराजा
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खो चुका परिचय
कल्पना की झील में
वास्तविकता की उफनती
लहरों पर
भावनाओं की डोलती नाव
और मैं किनारा ढूँढता हूँ
लालसा के जंगल में
कुंठा की दलदल
धँसता हुआ
मेरा अस्तित्व
और मैं तिनके का सहारा ढूँढता हूँ
जीवन के मरु में
बीते क्षणों की मरीचिकाएँ
भागता हुआ
दिशाहीन बदहवास साया
और मैं लौटने का रास्ता ढूँढता हूँ
अनजाने से देश में
मुखौटों की भीड़
कोलाहल में खो चुका
अपना ही परिचय
और मैं दर्पण में अपना चेहरा ढूँढता हूँ
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