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 सच कहूँ तो... 
सभ्यता की सुष्मिता, संवेदनाएँ 
और, उनके बीच 
पावन 
देश का है पर्व हिंदी 
1 
हिंद की पहचान हिंदी 
शब्दिता की शान हिंदी 
सच कहूँ तो... 
कृत्य की परिकल्पना, अभिव्यंजनाएँ 
और, उनके बीच 
भूषित 
भाल का है गर्व हिंदी 
1 
रूप हिंदी, धूप हिंदी 
हर नया प्रारूप हिंदी 
सच कहूँ तो... 
धरणि से आकाश तक, अवधारणाएँ 
और, उनके बीच 
संस्कृत 
चेतना गंधर्व हिंदी 
1 
गद्य-पद्य, विचार- मन्थन 
स्वर, सुमंगल-भाव, चिन्तन 
सच कहूँ तो... 
शब्द के आकार की संभावनाएँ 
और, उनके बीच में 
ऋग् 
साम-यजुर-अथर्व हिंदी 
1 
- निर्मल शुक्ल 
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