अनुभूति में
किशन साध
की रचनाएँ-
नयी रचनाओं में-
पता करे कोई
फुर्सत ही फुर्सत है
मत पूछो
यारी रखना
सहूर की बातें
अंजुमन में-
आज मेरी बात का उत्तर
दर बदर
फलक पे दूर
संगवारी को
मुक्तक में-
अपनी पलकें नहीं भिगोते |
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पता करे कोई
ख्वाब मेरे पता करे कोई
मेरे हक़ में दुआ करे कोई
मेरे काँधे पे सर तुम्हारा है
अब जले तो जला करे कोई
रोज टूटे झुके नहीं लेकिन
वक़्त से ये पता करे कोई
जो मिले बिन चला गया परदेश
क्यों उसे खत लिखा करे कोई
पेट की आग बुझ नहीं सकती
दौलते फ़न का क्या करे कोई
दौरे हाज़िर की शायरी तौबा
जैसे मुज़रा हुआ करे कोई
९ फरवरी २०१५ |