अनुभूति में
किशन साध
की रचनाएँ-
नयी रचनाओं में-
पता करे कोई
फुर्सत ही फुर्सत है
मत पूछो
यारी रखना
सहूर की बातें
अंजुमन में-
आज मेरी बात का उत्तर
दर बदर
फलक पे दूर
संगवारी को
मुक्तक में-
अपनी पलकें नहीं भिगोते |
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सहूर की बातें
कर लिया कर सहूर की बातें
हर घडी बस गुरूर की बातें
चाँद तारों की हूर की बातें
खो गयी अब सुरूर की बातें
देख कर ही सकून होता है
उनको पाना है दूर की बातें
नेकियों को भुला दिया मेरी
याद रक्खीं कसूर की बातें
चार पैसे जो जेव में आये
फिर शुरू कोहिनूर की बातें
पाँच के नोट में भरी थाली
तुम सुनो बस हुजूर की बातें
९ फरवरी २०१५ |