अनुभूति में
सीमा अग्रवाल की रचनाएँ
गीतों में-
एक बचपन नीम तुम पर
खुशबुओं के पा संदेशे
बहुत पुराना खत
हर तरफ हैं रंग
है कहाँ तनहा सफर मेरा |
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हर तरफ हैं रंग
हर तरफ हैं रंग कितने
आओ चुन लें
भाव के
मोती बिछे हैं शब्द के कालीन पर
प्रीत की सुर लहरियाँ हैं आस्था की बीन पर
आओ ना कुछ नर्म से
अहसास बुन लें
भागते लम्हों
की गीली गुनगुनी सी रेत पर
अल्पनायें कुछ उकेरें मौज के संकेत पर
'कल' की खातिर 'आज' से हम
कुछ शकुन लें
तितलियों के
पंख थामे बाग़ में उड़ लें ज़रा
दूब के मखमल घरौदों से तनिक जुड़ लें ज़रा
फूल खुशबू से करे क्या
बात सुन लें
७ अक्तूबर २०१३ |