अनुभूति में
सीमा अग्रवाल की रचनाएँ
गीतों में-
एक बचपन नीम तुम पर
खुशबुओं के पा संदेशे
बहुत पुराना खत
हर तरफ हैं रंग
है कहाँ तनहा सफर मेरा |
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बहुत पुराना खत
बहुत पुराना खत हाथों में है
लेकिन, खुशबू ताज़ी है अब तक
संवादों की
हल्दी के
दागों में आँचल की सिहरन
माँ की उँगली के पोरों का वो कंपन
नाम लिखा है मेरा, जब जब जहाँ वहाँ
फ़ैल गयी है स्याही
महकी यादों की
चन्दन चन्दन
बातें घर चौबारे की
मेंहदी की साज़िश से छूटे द्वारे की
अक्षर अक्षर गमक रहा मौसम मौसम
शब्द शब्द हैं गंध नेह
अनुवादों की
सीली
गलियों की मिट्टी का सोंधापन
तन-मन से अब तक लिपटा वो अपनापन
सुरभि अभी तक शेष है सूखे फूलों में
कुछ भूले कुछ याद रह गए
वादों की
७ अक्तूबर २०१३ |