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रामदरश मिश्र

जन्म- १५ अगस्त, १९२४ को गोरखपुर जिले के कछार अंचल के गाँव डुमरी में।

शिक्षा- काशी विश्वविद्यालय से हिंदी में एम.ए. पीएच.डी.

कार्यक्षेत्र- अध्यापन और लेखन। दिल्ली विश्वविद्यालय के अवकाशप्राप्त प्रोफेसर। कवि, उपन्यासकार और कहानीकार रामदरश मिश्र की साहित्य-यात्रा समय के कई मोड़ों से गुजरी है और नित्य नूतनता की छवि को प्राप्त होती गई है। कविता की कई शैलियों में उनकी सर्जनात्मक प्रतिभा ने अपनी प्रभावशाली अभिव्यक्ति के साथ-साथ गजल में भी उन्होंने अपनी सार्थक उपस्थिति रेखांकित की। इसके अतिरक्त उपन्यास, कहानी, संस्मरण, यात्रावृत्तांत, डायरी, निबंध आदि सभी विधाओं में उनका साहित्यिक योगदान बहुमूल्य है, अनेक कृतियां पुरस्कृत हुई हैं और वे अनेक साहित्यिक, अकादमिक और सामाजिक संस्थाओं के अध्यक्ष रह चुके हैं।

 

अनुभूति में रामदरश मिश्र की रचनाएँ-

लंबी कविता में-
बहुत कुछ बचा हुआ है

मुक्तक में-
बुढ़ापा- ग्यारह मुक्तक
कुछ मुक्तक

गीतों में-
उम्र की दूर दिशा से
कवि
कैसे लिखता है
कोई नहीं, कोई नहीं
चार बज गए

 

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