राजेश
कुमार श्रीवास्तव
शिक्षा-
हिंदी और अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर उपाधि, भारतीय विद्या
भवन, नई दिल्ली से
ज्योतिषाचार्य (स्वर्णपदक)
प्रकाशित कृतियाँ-
संपादित कविता संग्रह- कविता नहीं कुरुक्षेत्र, अनुभूति से
अभिव्यक्ति तक
नवगीत संग्रह- बिखरे छंद जिंदगी के
कहानी संग्रह- दसवें की राख
उपन्यास- हिम मानवों के देश में, मुँहबोली बहिन, चार यार रोड।
व्यंग्य संग्रह- हिंदी अधिकारी का विदाई समारोह
संस्मरण- मेरे दीक्षा गुरू (आध्यात्मिक अनुभव)
इसके अतिरिक्त लगभग सभी प्रमुख पत्र पत्रिकाओं में सैंकड़ों
रचनाएँ प्रकाशित।
संपादन-
दिल्ली से प्रकाशित होने वाली पत्रिका “दिग्विजय” में साहित्य
संपादन १९९७ से १९९९ तक, गायत्री सिद्धपीठ, खड़ेसर, जिला
कानपुर से प्रकाशित होने वाली त्रैमासिक अध्यात्मिक पत्रिका
दिव्य खड़ेसर धाम का संपादन, वर्ष २००४ से आज तक नियमित।
पुरस्कार व सम्मान-
हिंदी अकादमी, दिल्ली द्वारा वर्ष १९९१ से १९९५ तक लगातार चार
वर्ष कहानी और कविताओं के लिए “नवोदित लेखक पुरस्कार‘’, अखिल
भारतीय साहित्य संगम पुरस्कार, बोकारो- वर्ष १९९६ में नवगीत
संग्रह “बिखरे छंद जिंदगी” के लिए। अखिल भारतीय राहुल
सांकृत्यायन पुरस्कार, वर्ष २००७ में यात्रा संस्मरण-“मेरी
भारत यात्रा” के लिए।
सम्प्रति- केंद्र सरकार में राजपत्रित अधिकारी के रूप में
कार्यरत।
ईमेल-
rajeshsrivastava108@gmail.com
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अनुभूति में
राजेश कुमार
श्रीवास्तव की रचनाएँ-
गीतों में-
अभिव्यक्ति की सीमाएँ
एक नदी है मेरे भीतर
दर्द देवयानी के
बिखरे छंद जिंदगी के
मन के
भीतर युद्ध
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