गिरिजा
कुलश्रेष्ठ
जन्म- १ जनवरी १९५९ को ग्राम
मामचौन कलां, जिला मुरैना, मध्य प्रदेश, भारत में।
शिक्षा- हिंदी साहित्य में स्नातकोत्तर उपाधि।
कार्यक्षेत्र- व्याख्याता (हिन्दी) एवं साहित्यकार। छंदमुक्त
कविताएँ, गीत, कहानियाँ, लघुकथाएँ, बाल-कहानियाँ, लघुनाटिकाएँ
व नवसाक्षरों हेतु कुछ कहानियाँ व कविताएँ लिखने के क्षेत्र
में विशेष रूप से सक्रिय।
प्रकाशित कृतियाँ-
एक खण्डकाव्य (ध्रुवगाथा),
बाल कहानी संग्रह- अपनी खिड़की से, मुझे धूप चाहिये
कविता संग्रह- अजनबी शहर से गुजरते हुए
गीत-नवगीत संग्रह- कुछ ठहरले और मेरी जिन्दगी
कहानी संग्रह- कर्जा-वसूली
लघुकथा संग्रह– पगडण्डियाँ
तीन ब्लाग- यह
मेरा जहान,
कथा कहानी तथा
विहान
इसके अतिरिक्त लगभग सभी प्रमुख पत्र पत्रिकाओं तथा वेब पर
रचनाएँ प्रकाशित। कुछ कहानियाँ रूम टू रीड, नेशनल बुक ट्र. तथा
राज्यसंसाधन केन्द्र भोपाल से बुकलेट के रूप में प्रकाशित।
पुरस्कार एवं सम्मान-
क़र्ज़ा-वसूली कहानी संग्रह ‘कादम्बरी सम्मान’ से सम्मानित। दो
कहानियाँ आर्य सम्मान (किताबघर दिल्ली) से सम्मानित। दो बाल
कहानियाँ चिल्ड्रन बुक ट्रस्ट से पुरस्कृत।
संपर्क— girija.lulshreshth@gmail.com
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अनुभूति में
गिरिजा कुलश्रेष्ठ
की रचनाएँ-
गीतों में-
आधार
कुछ ठहर ले और
मेरी जिंदगी
जरा ठहरो
तुम ही जानो
बसंत का गीत
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