मुकुट बिहारी 'सरोज'
जन्म : २६
जुलाई १९२६ को।
सरोजजी के गीतों में हम आजादी के बाद की राजनीति, एक स्वप्नदर्शी
प्रधानमंत्री द्वारा जनता को दिखाये गये सपनों का टूटना महसूस कर
सकते हैं, और इस भंजन का क्रम अभी टूटा नहीं है। यही कारण है कि
आज भी सरोजजी के गीत जनता की भावनाओं को वाणी देते हुये लगते
हैं।
उनके दो कविता
संग्रह किनारे के पेड़ और पानी के बीज प्रकाशित हुए हैं।
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अनुभूति में
मुकुट बिहारी
'सरोज' की
रचनाएँ-
गीतों में-
एक ओर पर्दों के नाटक
प्रभुता के घर जन्मे
भीड़-भाड़ में चलना क्या
मुझ में क्या आकर्षण
मेरी कुछ आदत खराब है
रात भर पानी बरसता
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