अनुभूति में
अनिता
कपूर की रचनाएँ-
छंदमुक्त में-
अनचाहे एहसास का दर्द
खिड़की
साठ साल की उम्र वालों
हाशिये पर
हाइकु में-
पंद्रह हाइकु
क्षणिकाओं
में-
सात क्षणिकाएँ
|
|
पंद्रह हाइकु
१
बर्फीली घास
आँगन सपनों के
ढूँढूँ तपिश
२
खिली हैं धूप
रेशमी से उजाले
द्वार आँगन
३
कातती लम्हे
चरखा जिंदगी का
खुशी को बुनो
४
नाचते रंग
चाहें एक कहानी
इन्द्रधनुषी
५
देह सलोनी
फाग रचाए रास
बढ़ा दी प्यास
६
रेतीले लम्हे
बरसात की आस
बरसो मेह
७
तेरा शहर
क्योंकर है पत्थर
ढूँढो रूह को |
८
बढ़ाया हाथ
छूने लम्हे को ज़रा
थमी जिंदगी
९
याद जुगनु
चिपकी हैं दिल से
मत कुरेदो
१०
रूप अनंत
फैला चारो दिशाओं
चलो समेटें
११
पहली बार
तुम हो गए सीप
बनी मैं मोती
१२
मन दर्पण
और एक दरार
अब ठहर
१३
चाँद तबला
नर्तकी सी चाँदनी
झूमें सितारे
१४
चाँद का फूल
लेकर भागी रात
घुप अँधेरा
१५
धूप टुकड़ा
बच्चे सा ठिठुरता
सर्द हवाएँ
३० अप्रैल २०१२
|