अनुभूति में
उर्मिला शुक्ल
की रचनाएँ-
छंदमुक्त में-
आहट
उपवन
छत्तीसगढ़ की औरत
बेटियाँ
माँ और तुलसी
सेतु है कविता
|
|
बेटियाँ
जिस घर में
जन्म लेती हैं बेटियाँ
वो घर गमक उठता है
उनके सुवास से
रजनी गंधा, मौलश्री
मधुमालती, मोंगरा से भी
गहरी होती है
उनके प्रेम की सुवास।
रंगोली और अल्पनाओं से
सजाकर घर
बेरंग जीवन में वे
भर देती हैं
रँग जीवन के।
बुलबुल सी चहकती बेटियाँ
सूने घर को बना देती हैं
१ फरवरी २०१८
|