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अनुभूति में उर्मिला शुक्ल की रचनाएँ-

छंदमुक्त में-
आहट
उपवन
छत्तीसगढ़ की औरत
बेटियाँ
माँ और तुलसी
सेतु है कविता
 

 

आहट

आई जब आहट
तुम्हारे आने की
इक झंनकार सी उठी
और उतर गयी
मन के भीतर
और फिर हुआ
कुछ ऐसा कि
ठहरे पानी में
उठने लगीं उर्मियाँ
हवा के झोकों ने की
कीं सरगोशियाँ -
तुम्हें था जिसका इंतज़ार
वही तो
आया है तुम्हारे द्वार

१ फरवरी २०१८

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