तनहा अजमेरी
अजमेर के सूफ़ी
वातावरण में जन्मे संजय बड़थ्वाल को इस गंगा जमुनी संस्कृति और
समृद्ध इतिहास वाले शांतिप्रिय शहर के बहुत से गुण विरासत में
मिले हैं। दिल्ली में शिक्षा होने के कारण उनके व्यक्तित्व में
महानगरीय संस्कृति के गुण भी आन मिले।
स्नातकोत्तर
अध्ययन के बाद उन्होंने "पत्रकारिता व
जनसंपर्क" तथा "प्रशिक्षण
व विकास" में डिप्लोमा प्राप्त
किया तथा स्वतंत्र रूप से काम करते हुए कविता, लेख और
फ़ोटोग्राफ़ी में नई दिशाओं की खोज की।
तनहा अजमेरी
नाम से हिंदी व अँग्रेजी दोनो भाषाओं में लिखने वाले संजय की
बच्चों के लिए एक पुस्तक अक्कड़ बक्कड़ नाम से प्रकाशित हुई है।
आजकल वे सुरम्य पहाड़ियों वाले नगर देहरादून में एक प्रमुख गैर
सरकारी संगठन के साथ परियोजना निदेशक के रूप में काम कर
रहे हैं।
ईमेल-
tanhaajmeri@rediffmail.com
|