वर्षों बाद
वर्षों बाद मिला है ये क्षण
खिल उठा मेरे मन का आँगन
नाच रही है धरती सारी
झूम उठा है नीलगगन
वर्षों बाद।
वर्षों बाद चली पूर्वाही
साँसों ने खुशबू बिखराई
उस मिट्टी के कण-कण ने
मुझको है आवाज़ लगाई
वर्षों बाद।
वर्षों बाद वो याद आए हैं
जिनको नहीं भूला पाए हैं
अपने जो पीछे छूट गए
यादों में वो लौट आए हैं
वर्षों बाद।
9 मार्च 2007
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