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अनुभूति में सुदर्शन वशिष्ठ की रचनाएँ-

छंदमुक्त में-
चिड़िया की भाषा
परिंदे
बाँसुरी वादक
बिटिया के जन्म पर
भोज वृक्ष
 

 

बिटिया के जन्म पर

चलो, कोई बात नहीं
प्रारब्ध में जो है, मिलेगा
कहा सबने

उदास हुए सबके चेहरे
नर्सें गुमसुम
लौटा दिए लड्डू
दोस्तों ने नहीं माँगी पार्टी
पुरोहित ने नहीं पूछा टाईम।

पूछा महिला डाक्टर ने
पीड़ा में जन्म देने के बाद
कोख टटोलते हुए
क्या पहला इश्यू है...!
डोंट वरी।

२ फरवरी २०१५

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