छंदमुक्त में- चिड़िया की भाषा परिंदे बाँसुरी वादक बिटिया के जन्म पर भोज वृक्ष
भोज वृक्ष बौने भोज वृक्ष और बौने होते जाते ऊँचाई के साथ ऊँचाई पर बौना हो कर जीना भी कद्दावर होना है। ऊँचाई का अंतिम पेड़ भोज पवित्र, देवता सा जिस पर लिखे गये महाकाव्य कविता को लगे पंख पहाड़ पर भोज जैसे समुद्र में शंख।
२ फरवरी २०१५
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