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बाँसुरी वादक
बिटिया के जन्म पर
भोज वृक्ष
 

 

बाँसुरी वादक

अब नहीं खरीदता कोई बाँसुरी
कभी मेले की रौनक होता था
बाँसुरी वाला।

सभी बच्चे और बड़े भी
चाव से खरीदते बाँसुरियाँ
बाँसुरी बजाते घर आते।

निकलते सुराखों से स्वर
शिखर घाटी में गूँजती
बाँसुरी की धुनें।

बहुत मधुर लगती
वीराने में बाँसुरी
तोड़ती सन्नाटा
मंगलधुन सी।

२ फरवरी २०१५

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