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अनुभूति में श्वेता गोस्वामी की
रचनाएँ -

अंजुमन में-
अपने वादे को
कौन कहता है
तू नहीं है तेरी तलाश तो है
फ़ैसला

छंदमुक्त में-
कविता
जीवन
मेरी जां हिन्दुस्तान
वक्त
विचारवान लोग
संभावना

 

कविता

अंतर की गहराई आँकी नहीं जाती
कविता वह है
जो किसी पैमाने से नापी नहीं जाती
माँ के हृदय की आवाज़ है कविता
शायर के कहने का अंदाज़ है कविता
इतिहास का आज है कविता
प्रेम का एहसास है कविता
विरह में पतझड़
मिलन में मधुमास है कविता
वसुधा का वसंत है कविता
अंबर सी अनंत है कविता
हलधर की हरी फसल है कविता
संगीत का अनहद नाद है कविता
कवियों का तख्त़ो-ताज है कविता
आप अगर सुन लें तो
मेरी आवाज़ है कविता

१ फरवरी २००६

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