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संजय भारद्वाज

नाटक, कविता, आलेख, कहानी, समीक्षा की विधा में लेखन करने वाले संजय भारद्वाज की अकादमिक शिक्षा विज्ञान एवं फार्मेसी के क्षेत्र में हुई पर आरंभ से ही हिंदी भाषा और साहित्य के प्रति लगाव रहा।

१९९५ में उन्होंने 'हिंदी आंदोलन` की स्थापना की जो पुणे में भारतीय भाषाओं के साहित्यकारों का सबसे बड़ा मंच है। पुणे से प्रकाशित प्रथम हिन्दी पाक्षिक 'विश्वभाषा' का संपादन व प्रकाशन तथा अनेक अन्य पत्रिकाओं के विशेषांकों के अतिथि संपादन के अतिरिक्त उन्होंने पुणे में हिंदी के स्तरीय रंगकर्म के लिए 'भूमिका कलामंच` की स्थापना की। वे अनेक कविसंमेलनों का आयोजन, व्यवस्थापन व संचालन भी कर चुके हैं।

विभिन्न साहित्यिक, सांस्कृतिक पुरस्कारों से सम्मानित संजय विभिन्न स्तरों पर लेखन, दिग्दर्शन, अभिनय, वक्तृत्व, शैक्षिक प्राविण्य, संयोजन फ़ीचर/ विज्ञापन/ धारावाहिक/ फिल्म,  के लेखन-दिग्दर्शन, अभिनय व डबिंग के लिए भी जाने जाते हैं।

उनकी समाजसेवा में भी गहरी रुचि है। फुटपाथ पर रहने वाले बच्चों के रात्रि निवास के लिए 'रैन बसेरा' एवं निर्धनतम लोगों को रु. ५/- में अन्न उपलब्ध कराने के लिए 'अन्नपूर्णा' नामक योजनाओं पर भी वे काम कर रहे है। संप्रति वे दो डॉक्युमेंट्री फिल्मों के लेखन-निर्देशन में व्यस्त हैं।

ई मेल- sanjaybhardwaj@hotmail.com

 

अनुभूति में संजय भारद्वाज की
रचनाएँ -


नयी रचनाओं में-
छह क्रौंच कविताएँ

छंद मुक्त में-
चाँद का आँचल
फलत:
बोधिवृक्ष
संजय दृष्टि

 

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