नेहा शरद
अभिनेत्री और कवियत्री नेहा
शरद ने टेलिविजन के लगभग २३ धारावाहिकों में काम किया है,
जिनमें तारा, गुमराह, घरौंदा, त्रिकाल, वक़्त की रफ़्तार,
द्रौपदी, महाराणा प्रताप, अधिकार, सारथी, ममता प्रमुख हैं। वे
१२ वर्षो तक मुंबई रंगमंच से भी जुड़ी रहीं। .पिछले पंद्रह
सालों से वे अपने पिता श्री शरद जोशी की साहित्यिक धरोहर को
सहेजने-सँभालने का काम भी कर रही हैं। मंच पर अपनी कविताओं और
शरद जी की रचनाओं की बेहतरीन प्रस्तुति के लिये देश विदेश में
जानी जाने वाली नेह प्रति वर्ष 'शरद संध्या' नाम से शरद जी की
याद में एक कार्यक्रम करती हैं। .
उनकी कविताओं का एक संग्रह 'ख़ुदा से ख़ुद तक' नाम से वाणी
प्रकाशन द्वारा प्रकाशित किया गया है। हाल ही में उन्हें
उज्जैन में विश्व हिंदी सेवा सम्मान से भी अलंकृत किया गया है।
प्राकृतिक स्वास्थ्य की अनेक विधियों में रुचि तथा आध्यात्मिक
रुझान वाली नेहा की कविताओं में भी वह रंग छलकता है।
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अनुभूति में
नेहा शरद की रचनाएँ -
छंदमुक्त में--
खेल
जिंदगी का हिसाब
तीन परिस्थितियाँ
हाँ यह ठीक है
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