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ज्योत्स्ना मिलन

जन्म- १९ जुलाई १९४१।
शिक्षा- गुजराती एवं अंग्रेज़ी साहित्य में एम.ए.।

अपने साथ, अ अस्तु का- उपन्यास। चीख के आर-पार, खंडहर तथा अन्य कहानियाँ, अंधेरे में इंतज़ार- कहानी संग्रह। घर नहीं, अपने आगे आगे- काव्य संग्रह।

स्त्रियों के संगठन 'सेवा' के मासिक मुखपत्र 'अनसूया' का पिछले सोलह वर्षों से संपादन।

'हम सविता' श्री इला र. भट्ट की 'स्त्री-चिंतन की पुस्तक' का अनुवाद एवं संपादन। इला बहन भट्ट के ऐतिहासिक उपन्यास 'लॉरी युद्ध' का अनुवाद। गुजराती के निरंजन भगत, सुरेश जोशी, लाल शंकर ठाकर, गुलाम मोहम्मद शेख, प्रियकांत मणियार एवं पवन कुमार जैन की कविताओं के अनुवाद।

वर्ष १९८५-८६ के लिए मध्यप्रदेश सरकार की मुक्तिबोध फेलोशिप एवं मानव संसाधन विकास मंत्रालय की सीनियर फेलोशिप उपन्यास लेखन के लिए।

रामानुजम तथा धारवाडकर द्वारा संपादित 'दि ऑक्सफोर्ड एंथोलॉजी ऑफ इंडियन पोइट्री', आरलिन जाइड द्वारा संपादित 'इन देयर ऑन वॉइस' एवं १९९८ की श्रेष्ठ कहानियाँ के गुजराती संकलन में कहानी संकलित।

  अनुभूति में ज्योत्स्ना मिलन की रचनाएँ

कविताओं में
अवाक
औरत
करवट
कल
चार छोटी कविताएँ- भीतर तक, पीछे, होने का शब्द, सह्याद्रि के पहाड़ों में
तितली का मन
दरवाज़ा
पीठ
रात
लगातार
 









 



 

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