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अनुभूति में दीपाली सुतार की रचनाएँ—

छंदमुक्त में-
औरतें
गुफाओं का राज
नापाक भाषा
ये तुम भी जानते हो
शब्द गाते हैं
 

  शब्द गाते हैं

कुछ शब्द गाते हैं गीत
भूख के,
कुछ आंसुओं के
कुछ प्रेम के, कुछ मृत्यु के

तितलियों के उड़ने के
भीगी बारिशों के
गाते हैं गीत
टूटी नींदों के
छितरे विचारों के
खोये सामानों के
अपूर्णता में पूर्णता के।

१ अक्टूबर २०२३

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