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धार के विपरीत चलना

भाग रहे सब
मौसम सुहाना

'

मौसम सुहाना

देखिये मौसम सुहाना सर्दियों का आ गया।
गुनगुनी-सी धूप का आनंद मन को भा गया।

बर्फ की चादर बिछी है पर्वतों पर सब तरफ,
रजत आभा का समंदर इस धरा पर छा गया।

मोतियों सी ओस की बूँदें चमकती जा रहीं,
अधखिली कलियाँ सुहाना रूप मन को भा गया।

गर्म परिधानों में लिपटे हैं सभी सुन्दर बदन,
सर्दियों का ज़ोर अपना जोश भी दिखला गया।

आग के चारों तरफ बैठे सभी बतिया रहे,
आपसी सद्भाव यह मौसम हमें सिखला गया।

७ अप्रैल २०१४

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