शंभुनाथ तिवारी
जन्म- ११ जुलाई १९६२ ई.गोरखपुर
(उत्तर प्रदेश)
शिक्षा- बी.ए.(इलाहाबाद विश्वविद्यालय). एम.ए.(हिंदी), जामिया
मिल्लिया विश्वविद्यालय, नई दिल्ली से प्रथम श्रेणी में प्रथम
रहकर स्वर्णपदक प्राप्त । यूजीसी, नई दिल्ली से जे.आर.एफ.
(नेट) उत्तीर्ण कर जे.एन.यू. नई दिल्ली से प्रोफेसर नामवर सिंह
के निर्देशन में एम.फिल., एवं पीएच.डी.।
प्रकाशित कृतियाँ-
समीक्षात्म संग्रह- मिश्रबंधु और हिंदी आलोचना, मेघदूत के
काव्यानुवाद, समीक्षाग्रंथ, शोध और समीक्षा के विविध आयाम
बाल कविताओं का संग्रह- धरती पर चाँद
संपादन- अभिनव भारती (शोध पत्रिका), अलीगढ़ मुस्लिम
यूनिवर्सिटी के हिंदी विभाग की शोध पत्रिका के अंक २०११।
अभिनव भारती (शोध पत्रिका) के अंक २०१० का सह-संपादन।
इसके अतिरिक्त हिंदी भाषा पर चार वर्षों तक भाषा परिष्कार नाम
से शोधपरक स्तंभ प्रकाशित। हिंदी और उर्दू की महत्वपूर्ण
साहित्यिक पत्रिकाओं दूरदर्शन तथा आकाशवाणी में समीक्षात्मक
लेख, व्यंग्य, कविताएँ, गीत, ग़ज़ल निरंतर प्रकाशित। देश की
लगभग सभी बाल पत्रिकाओं तथा हिंदी-उर्दू के राष्ट्रीय संकलनों
में रचनाएँ संकलित।
सम्मान एवं पुरस्कार
राजस्थान साहित्य अकादमी, उदयपुर द्वारा धरती पर चाँद पुस्तक
पर शम्भुदयाल सक्सेना पुरस्कार, सर्जनात्मक संतुष्टि संस्थान,
जोधपुर भारतेंदु हरिश्चंद्र सम्मान, जिला साहित्कार परिषद,
भीलवाड़ा (राजस्थान) द्वारा सर्जन सम्मान, विनायक विद्यापीठ,
भूणास(राजस्थान) द्वारा साहित्यकार सम्मान, अखिल भारतीय
कविपीठ, लखनऊ द्वारा शारदा सम्मान। तथा यू.जी.सी., नई दिल्ली
द्वारा जे.आर.एफ. पुरस्कार।
कार्यक्षेत्र-
लेखन एवं अध्यापन। अरुणाचल प्रदेश लोकसेवा आयोग से चयनोपरांत
जे.एन.गवर्नमेंट कालेज.पासीघाट में, मध्यप्रदेश लोकसेवा आयोग,
इंदौर से चयन के पश्चात्, शासकीय महाविद्यालय, श्योपुर कलाँ
(मध्य प्रदेश ) में तथा, राजस्थान लोकसेवा आयोग से चयन एवं
एम.एल.वी.राजकीय महाविद्यालय, भीलवाड़ा (राजस्थान) में
प्राध्यापक के रूप में कार्य। भारत सरकार के माईनॉरिटी कमीशन
द्वारा उर्दू भाषा सर्वेक्षण के लिये गठित उच्चस्तरीय समिति में
सदस्य के रूप में तथा राजस्थान उर्दू अकादमी के सदस्य के रूप
में मनोनयन।
संप्रति-
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, अलीगढ़ (उत्तर प्रदेश) के हिंदी
विभाग में एसोशिएट प्रोफेसर के रूप में कार्यरत ।
ईमेल-
sn.tiwari09@gmail.com
|
|
अनुभूति में
शंभुनाथ तिवारी
की रचनाएँ-
नयी रचनाओं में-
क्या कहें जिंदगी
खूब दिलकश
दिल्ली में
मुश्किल है
लोग क्या से क्या
अंजुमन में-
आँखों के कोर भिगोना क्या
कौन यहाँ खुशहाल
जिगर में हौसला
ज़िंदगी
नहीं कुछ भी
बेकरार क्या करता
हैरानी बहुत है
हौसले मिटते नहीं |