राम अवध
विश्वकर्मा
जन्म- १२ जनवरी
१९५० ग्राम सुपेलवा, लबनापार, बस्ती (उ.प्र.) में।
शिक्षा- बीएससी गणित संकाय, एम एस सी रसायन शास्त्र।
कार्यक्षेत्र-
बीएसएनएल में मंडल अभियंता पद से सेवानिवृत्त। गजल और व्यंग्य
के क्षेत्र में विशेष रूप से सक्रिय। विभागीय पत्रिका संचार
सुरभि ग्वालियर का सम्पादन किया। व्यंग्य ग़ज़लों के लिये के
लिये देशभर में चर्चित नाम। ग़ज़लों के व्याकरण पर कार्यशाला का
आयोजन निरन्तर जारी।
प्रकाशित कृतियाँ-
गज़ल संग्रह- मेहमान भी लटकते हैं, चाकू खटकेदार है अब, इसकी
टोपी उसके सर पे, भोंपू सा चिल्लाते रहिये।
व्यंग्य संग्रह- मुफ्त खोरी जिन्दाबाद
समीक्षा एवं शोध- विश्वकर्मा ब्राह्मण एवं उनके गोत्र
संप्रति- अध्यापन एवं लेखन।
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अनुभूति में
राम अवध विश्वकर्मा
की रचनाएँ-
अंजुमन में-
गुलों में रंग न खुशबू
चाहे जितना हाथ-पाँव मारे
दिलों में जो हैं दूरियाँ
ये मस्जिद और ये मंदर
हम पहली बार |