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अनुभूति में ओंकार सिंह विवेक की रचनाएँ—

अंजुमन में-
आँधियों में दिया
प्यार-वफा
सबकी नजर में
शिकायत कुछ नहीं
हर तरफ जंग

 

आँधियों में दिया

आँधियों में दिया जलाना है
हौसला अपना आजमाना है

बात किससे करें उसूलों की
जोड़ और तोड़ का जमाना है

ये जो पसरा हुआ है सन्नाटा
कोई तूफां जरूर आना है

झूठ कब पायदार है इतना
दो कदम चलके गिर ही जाना है

जिंदगी दायमी नहीं प्यारे
एक दिन मौत को भी आना है

इस कदर बेहिसों की दुनिया में
हाल दिल का किसे सुनाना है

लोग तो और भी हैं महफिल में
यार हम पर ही क्यों निशाना है

१ जुलाई २०२२

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अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है

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