बुतकदे में
बुतकदे में सजा हुआ पत्थर
दर हकीकत है आम सा पत्थर
हादसे ख़ुद तराशते हैं जिसे
ज़िन्दगी है वो खुरदरा पत्थर
मेरा ईमान हक परस्ती है
हक परस्ती की है सज़ा पत्थर
ढूँढ़ गहराइयों में तू मोती
साहिलों पर हैं जाबजा पत्थर
खून तेरा बहाएगा लेकिन
तुझ को देगा न खूंबहा पत्थर
वस्फ़ इंसानियत का है इसमें
मोम रख ख़ुद को मत बना पत्थर
'अक्स' क्या इश्को-हुस्न की तारीफ़
एक हीरा है दूसरा पत्थर
७ जुलाई २००८
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