बड़ी मुश्किल-सी
कोई बात
बड़ी मुश्किल-सी कोई बात भई आसान होती है
अगर इंसानी फ़ितरत की हमें पहचान होती है
हुजूमे-ग़म जो आ जाए हुजूमे-शाद हो ऐ दिल
ग़मों से लड़ के ही तो ज़िंदगी आसान होती है
कहा करते हैं दौलत में बहुत अच्छइयाँ होतीं
ये जो हो हाथ में शैतान के, शैतान होती है
बड़ी सरमाया है नेकी हज़ारों नेकियाँ कर लो
यहाँ तक एक भी नेकी कभी ताबान होती है
अगर खुशियाँ ही खुशियाँ हों तुम्हें महसूस होगा रंज
मुसलसल रौशनी भी दर्द का सामान होती है।
24 दिसंबर 2007
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