अनुभूति में
अनामिका
सिंह की रचनाएँ-
गीतों में-
अनुसंधान चरित पर तेरे
अम्मा की सुध आई
चिरैया बचकर रहना
नाखून सत्ता के
राजा बाँधे शगुन कलीरे
अंजुमन में-
कसक उनके दिल में
चलो दोनों चलें
दिल में दुआएँ थीं
रोग है पैसा कमाना
ये सोचना बेकार है |
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अनुसंधान चरित पर
तेरे
अनुसंधान चरित पर तेरे
होंगे विकट गहन
सधी चाल से तय राहों पर
चलता जा रे मन
तुझे बहा ले जाने लहरें
आएँगी वाचाल
चाहेंगे बदचलनी अंधड़
उखड़े संयम पाल
अवरोधों के विशद अँधेरे
होंगे और सघन
गतिविधियों पर लोग रखेंगे
टेढ़ी तिरछी आँख
नहीं हटेंगे पीछे यदि जो
पड़े काटने पाँख
नहीं चौंकना संभव है वे
निकलें अगर स्वजन
सदियों से माना बेहद है
ऊबड़ - खाबड़ राह
रही मुखरता की प्रतिद्वन्दी
दस्तारों की डाह
घुटने टेकेगा दृढ़ता पर
सम्मुख मान दमन
१ फरवरी २०२२ |