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					 गीता जैसा 
					पावन ग्रन्थ 
					 
					गीता जैसा पावन ग्रन्थ उठाकर बोले। 
					मगर हमेशा झूठी कसमें खाकर बोले। 
					 
					घोटाले नेता के माथे पर कलंक हैं  
					वे अपना पिछला इतिहास छुपाकर बोले। 
					 
					उनसे जाने क्या पूछा इक पत्रकार ने 
					कल आ जाना, सबकी नजर बचाकर बोले। 
					 
					काशी ले लो, काबा ले लो पाँच रुपै में 
					चित्र बेचने वाले हमें सुनाकर बोले। 
					 
					आज वहाँ जंगी नीलामी है ज़मीर की  
					जो भी बोली बोले, ज़ोर लगाकर बोले। 
					 
					रंग देखकर देना मेरे धरमी-दाता 
					अपनी-अपनी चादर सभी बिछाकर बोले। 
					 
					हमने अपनी बात तहत में कह दी लेकिन 
					जिसमें ज्यादा ‘कौशल’ था सब गाकर बोले। 
					 
					१ दिसंबर 
					२०१५ 
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