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छंदमुक्त में-
तारों के जाल
मधुर गर्जना

संकलन में-
वर्षा मंगलमेघदूत

गाँव में अलाव अलाव, कोमल गीत
होली होली के अदोहे, क्षणिकाएँ
प्रेम गीत –
प्रिय मिलन
गुच्छे भर अमलतास– गर्मी दो शब्द चित्र, गर्मी है अनमोल व रेत पर विश्राम
पिता की तस्वीर– सतत नमन
ज्योति पर्व– रंगरलियाँ

क्षणिकाएँ-
गर्मी की शाम,पनघट, अचानक, छाँव में, गर्मी में, वर्षा, पहली फुहार, बिजलिया

 

कुछ क्षणिकाएँ

वर्षा

बादल की घुडकियाँ
बिजली की चकाचौंध
डराती धमकाती
शान्त हो गयी
वर्षा
कुछ बूँदे छिड़क कर।

पहली फुहार

पहली फुहार करती मनुहार
गर्मी तुम अब कर लो विश्राम
प्रकृति की रचना को जीवन्त
रखने का मुझ पर है भार।


बिजलियाँ

आकाश के सीने को चीरती हुयी
बादलो को सोने की चाबुक से पीटकर
अन्धकार को आग से जलाती हैं
चमकती हुयी बिजलियाँ।

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