पत्र व्यवहार का पता

अभिव्यक्ति तुक-कोश

१. ७. २०१८

अंजुमन उपहार काव्य संगम गीत गौरव ग्राम गौरवग्रंथ दोहे पुराने अंक संकलनअभिव्यक्ति
कुण्डलिया हाइकु अभिव्यक्ति हास्य व्यंग्य क्षणिकाएँ दिशांतर नवगीत की पाठशाला रचनाकारों से

हालात के मारे हुए हैं

 

 

हालात के
मारे हुए हैं लोग

दोष इतना भर कि तुमको
चुन लिया हमनें
जाल मकड़ी सा स्वयं ही
बुन लिया हमने
क्या कहें हम इसे घटना
या महज संजोग

जिंदगी का यह जुलाहा
दर्द बुनता है
वेदना तेरी कथा अब
कौन सुनता है
आस थी जिनसे हमें
साधे हुए हैं योग

दूर तक दिखता नहीं कुछ
है न कोई ठौर
दृश्य में जो दिख रहा पर
है कथानक और
एक दिन तो तोड़ना होगा
वहम का रोग

- मनोज जैन 'मधुर'

इस माह

गीतों में-

bullet

मनोज जैन मधुर

अंजुमन में-

bullet

शैलश गुप्त वीर

छंदमुक्त में-

bullet

राजेश कुमार माँझी

छोटी कविताओं में-

bullet

निशांत मिश्र

पुनर्पाठ में-

bullet

अवध बिहारी श्रीवास्तव

पिछले माह
चित्र कविता में

गीतों में- आभा सक्सेना दूनवी, कल्पना मनोरमा, कल्पना रामानी, पंकज परिमल, डॉ. प्रदीप शुक्ल, मधु प्रधान, मनोज जैन मधुर, रंजना गुप्ता, शशिकांत गीते, शशि पाधा, शशि पुरवार, सीमा अग्रवाल
दोहों में - अनिल कुमार वर्मा, राम शिरोमणि पाठक, संध्या सिंह, त्रिलोचना कौर
अंजुमन में- रमा प्रवीर वर्मा।
छंदमुक्त में- प्रेरणा गुप्ता।
हाइकु में- आभा खरे
कुंडलिया में- सुरेन्द्रपाल वैद्य
माहिया में- परमजीत कौर रीत
मुक्तक में- ज्योतिर्मयी पंत

अंजुमनउपहार काव्य संगमगीतगौरव ग्राम गौरवग्रंथदोहे पुराने अंकसंकलनहाइकु
अभिव्यक्तिहास्य व्यंग्य क्षणिकाएँ दिशांतरनवगीत की पाठशाला

© सर्वाधिकार सुरक्षित
अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इस में प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है।

Google
Loading
प्रकाशन : प्रवीण सक्सेना -- परियोजना निदेशन : अश्विन गांधी
संपादन¸ कलाशिल्प एवं परिवर्धन : पूर्णिमा वर्मन

सहयोग :
कल्पना रामानी