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देश हमारा
जनतंत्र की सोच को समर्पित कविताओं का संकलन

अनुक्रम

गीतों में-

 

१. उन्नत भाल हिमालय गोपालकृष्ण भट्ट आकुल
२. जिसे देश से प्यार नहीं है श्रीकृष्ण सरल
३. दुनिया बदली देवमणि पाण्डेय
४. मातृ-भू शत-शत बार प्रणाम भगवतीचरण वर्मा
५. शहीद के प्रति पवन चंदन
स्वप्न अधूरे डॉ. सूरजपाल सिंह
देश किसका है कमलेश कुमार दीवान
     

अंजुमन में-

 
८. आज प्रतिदिन दिगंबर नासवा
९. तोड़ना इस देश को नीरज गोस्वामी
१० समस्याओं से तंग महेश मूलचंदानी
     

छंदमुक्त में-

 

११. कभी तो द्वार खुलेंगे हिमांशु कुकरेती
१२. जनगण के मन में संजीव सलिल
१३. तीन शेरों को देखकर अशोक विश्वकर्मा
१४. देश तीन चित्र नागार्जुन
     

दोहों में-

 
१५. अद्भुत गणतंत्र

गोपालदास नीरज

१६. खनक उठी तलवार राजेन्द्र वर्मा
१७. त्याग शांति राजेश चेतन
१८ राजनीति के दोहे रामनिवास मानव
     

मुक्तक में-

 
१९. चार मुक्तक श्रवण राही, चिराग जैन, रामेश्वर कांबोज हिमांशु, राजेन्द्र सोलंकी
२०    

 

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