|
त्याग शांति
जनतंत्र की सोच को समर्पित कविताओं
का संकलन |
|
|
त्याग शांति सुख सम्पदा, रंगों
की पहचान
राष्ट्र पताका में छिपी, भारत भू की शान
संसाधन सीमित सभी, युवा फिरे बेकार
नई सदी की दौड़ में, हार रही सरकार
सोने की चिड़िया रहा, अपना भारत देश
सोना दुश्मन ले गया, चिड़िया रह गयी शेष
बुश के सम्मुख कर रहे, मियां मुशरर्फ डांस
हमसे गद्दारी करे, उनसे है रोमांस
जन-जन भारतभूमि का, करे राष्ट्र से प्यार
इस कारण ही कर रहा, कागज काले चार
राजेश चेतन
२४ जनवरी २०११ |
|
|
|