अनुभूति में
विपिन पँवार निशान की रचनाएँ-
छंदमुक्त में-
अपना देश अपना गाँव
इंसान
पक्षी
बचपन
मन
यादें
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पक्षी
जब चाहे खुले आसमाँ की ऊँचाइयों में उड़े
जब चाहे धरती के इस छोर पर बैठे
जब चाहे धरती के उस छोर पर बैठे
पक्षी
जब चाहे हरे-भरे पेड़ों की छाँव में बैठे
जब चाहे सूखेऋनंगे पेड़ की वीरानगी सुने
पक्षी
कभी इस देश से उड़कर परदेश पहुँच जाए
कभी झुंड में उड़कर एकता का पैगाम पहुँचाए
पक्षी
भोर होते ही मधुर संगीत सुनाए
शाम होते ही अपने घोसलों में बैठ जाए
२४ फरवरी २००५ |