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अनुभूति में विपिन पँवार निशान की रचनाएँ-

छंदमुक्त में-
अपना देश अपना गाँव
इंसान
पक्षी
बचपन
मन
यादें

 

अपना देश अपना गाँव

बहुत दिनों बाद एहसास हुआ
चेहरे पर खुशियों का
मन में नई-नई उमंग का
बहुत दिनों बाद एहसास हुआ
गाँव की सोंधी-सोंधी ठंडी हवा का
अमृत जैसे साफ-स्वच्छ जल का
बहुत दिनों बाद एहसास हुआ
घने जंगलों में पक्षियों के मधुर स्वर का
चारों तरफ खुला आसमाँ, उन बर्फीली चोटियों का
गाँव में अपने बचपने का
माँ के आँचल में ममता का
माँ के हाथों बने हुए खाने का
बहुत दिनों बाद एहसास हुआ
बीते दिनों के हर इक लम्हें का
बहुत दिनों बाद एहसास हुआ
बगीचे में पेड़ों की ठंडी-ठंडी छाँव का
उन मीठे-मीठे रसीले फलों का
बहुत दिनों बाद एहसास हुआ
गाँव की मर्मस्पर्शी मिट्टी का
बचपन की हर इक जगह का
दोस्तों के संग खेलने का
बहुत दिनों बाद एहसास हुआ
परदेश से देश लौटकर
बीते उन हर इक पहलुओं का।

२४ फरवरी २००५

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