अनुभूति में
विपिन पँवार निशान की रचनाएँ-
छंदमुक्त में-
अपना देश अपना गाँव
इंसान
पक्षी
बचपन
मन
यादें
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इंसान
ज़िंदगी की भाग-दौड़ में दौड़ता हुआ इंसान
नये-नये अविष्कार करता हुआ इंसान
शय्या पर आराम करता हुआ इंसान
भूख से तड़पता हुआ इंसान
महलों में रहने वाला इंसान
खुले आसमाँ के नीचे सोता हुआ इंसान
नई-नई मशीनों की ठंडक लेता हुआ इंसान
सूरज की गरमी से तपता हुआ इंसान
स्वादिष्ट खाने का आनंद लेता हुआ इंसान
दो वक्त की रोटी ढूँढता हुआ इंसान
प्यार-मोहब्बत सिखाने वाला इंसान
एक-दूसरे का दुश्मन बनता हुआ इंसान
नारी का सम्मान करता हुआ इंसान
नारी का अपमान करता हुआ इंसान
हरी-भरी दुनिया का स्वप्न देखने वाला इंसान
पानी की बूँद के लिए तड़पता हुआ इंसान
पेड़-पौधों को काटता हुआ इंसान
दूसरों को जिन्दगी देने वाला इंसान
निर्दोष प्राणियों की हत्या करता हुआ इंसान
जिन्दगी की भाग-दौड़ में दौड़ता हुआ इंसान
नये-नये अविष्कार करता हुआ इंसान
अपनी कलम से आज लिखता हुआ "निशान" २४ फरवरी २००५ |