हिमपात: चार विचार
1
स्वच्छ और सफ़ेद
हिमपात का दृश्य।
हो गए मानो
घास पात अदृश्य
2
आसमानी असुरों ने
किया धरा को निर्वस्त्र
और उसे पहनाया है
कोई सफ़ेद वस्त्र।
3
उष्ण परिधानों को
कर लो एकत्र
और फिर ढूँढ़ लो
कोई एक छत्र।
4
अमीरों के घरों को
कौन करे भेद
हिमपात तक देखो
मारे झोंपड़ी में सेंध।
9 अप्रैल 2007
|