अंजुमनउपहारकाव्य संगमगीतगौरव ग्राम गौरवग्रंथदोहे पुराने अंक संकलनअभिव्यक्ति कुण्डलियाहाइकुहास्य व्यंग्यक्षणिकाएँदिशांतर

अनुभूति में संदीप रावत की रचनाएँ-

नई रचनाओं में-
दो कैदी
पिताओं को कन्यादान करते
मैंने दूरबीनों से
यातना
सैलानियों के मौसम
हैंग टिल डेथ

छंदमुक्त में-
कविता
टूटन
पत्ते

मुझे अफ़सोस है
हवा और धुआँ

 

कविता

इक असाध्य रोगी का
हास है -मौन है -रुदन है
अनाथ बच्चो की
भूखी -ठिठुरती रात है
शाम के साथ
पाव भर आलू लेकर
लौटते
किसी मजदूर की थकान है कविता !
निराशाओं की धूप में
आस का इक मृदु झोंका है
पीड़ा है - टीस है - हूक है
आत्मा से उट्ठी
एक लम्बी पुकार है कविता ...!
कविता खुद भयानक रोग है
मगर
हर कला को जीना होता है
एक रोगी का जीवन !! 

८ अप्रैल २०१३

इस रचना पर अपने विचार लिखें    दूसरों के विचार पढ़ें 

अंजुमनउपहारकाव्य चर्चाकाव्य संगमकिशोर कोनागौरव ग्राम गौरवग्रंथदोहेरचनाएँ भेजें
नई हवा पाठकनामा पुराने अंक संकलन हाइकु हास्य व्यंग्य क्षणिकाएँ दिशांतर समस्यापूर्ति

© सर्वाधिकार सुरक्षित
अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है

hit counter