अनुभूति में
राजीव कुमार श्रीवास्तव
की रचनाएँ—
अंजुमन में-
यकीन
गीतों में-
मृगतृष्णा
विजय गान
छंदमुक्त में-
प्रतीक्षा
मेरा जीवन
सपने
स्मृतियाँ |
|
मेरा जीवन
अगणित प्रश्नों के
चक्रव्युह में घिरा
स्वयं से संग्राम करता
पैबंदों से बदरंग
अपने दामन में
जीवित रहने की
विवशता समेटे
आहत उपेक्षित 'अंतर्मन'
आकांक्षाओं के भँवर में
शेष ऊर्जा के साथ
अपने अस्तित्त्व को तालाशता
मृगतृष्णा बना 'मेरा जीवन'
२४ अप्रैल
२००३ |