अनुभूति में
मधुर त्यागी की
रचनाएँ-
छंदमुक्त में-
अरावली की चिड़िया
ख्वाब भरा आईना है
झंडा हूँ मैं
भगत की जरूरत
सवाल
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ख्वाब भरा आईना है
मेरे कमरे में
जब भी आते जाते
नजरें आईने पर पड जाती है
तो झिलमिल झिलमिल कर
सैंकड़ो ख्वाबों का
ताँता सा लग जाता है।।
इस आईने में
दौलत, शोहरत, नाम
दुनिया भर के ऐश-ओ-आराम
ऐसे सपने मेरे आते ही
आमने सामने घूमने लगते हैं।।
दुनिया में नाम कमाने का सपना
कुछ कर गुज़र जाने का सपना
सितारों के मानिंद चमकने का सपना
सागर की गहरायी में उतरने का सपना।।
घर से बाहर निकलने से पहले
रोज एक सपना चुनकर
अपने थैले में डाल लेता हूँ
कुछ कभी पूरे हो जाते हैं
और कुछ को सही वक़्त आने तक
इसी आईने में संजों कर रखता हूँ।।
पर यह ख्वाब वाला आईना
है जबरदस्त
यह हर दम मेरी उम्मीद
खुदसे बांधे रखता है
में कभी जब हारा महसूस करता हूँ
तो इसके सामने जाकर खड़ा हो जाता हूँ
और फिर ख्वाब अपना कमाल
दिखाना शुरू कर देते हैं।।
कमाल का आईना है मेरे कमरे में
खवाब भरा आईना है मेरे कमरे में।।
१८ नवंबर २०१३
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