अंजुमनउपहारकाव्य संगमगीतगौरव ग्राम गौरवग्रंथदोहे पुराने अंक संकलनअभिव्यक्ति कुण्डलियाहाइकुहास्य व्यंग्यक्षणिकाएँदिशांतर

अनुभूति में अजंता शर्मा की रचनाएँ

नई कविताएँ-
आओ जन्मदिन मनाएँ

ढूँढती हू
मेरी दुनिया

कविताओं में-
तीन हाइकू
जाने कौन-सी सीता रोई
ज़िंदगी
दूरियाँ
अनुरोध
अस्तित्व
उत्प्रेरक
कौतूहल
जमाव
दो छोटी कविताएँ
पहली बारिश
प्रतीक्षा
प्रवाह
व्यर्थ विषय

 

आओ जन्मदिन मनाएँ

हैपी बर्थ डे स्वतंत्र भारत.
यादों और वादों के छिछले मंच पर
स्वागत है तुम्हारा।

देखो न!
तुम्हारे स्वागत में
इस कोने से उस कोने तक
किस करीने से उलटी लटकी हैं
हरी नीली नारंगी रंगी हुई
हिमालय पर्वत शृंखलाओं की झंडियाँ

सुनो!
इन बैलूनों का विस्फोट
इन गिफ़्ट पैकेटों में कुलबुलाती
नारों की प्रतिध्वनियाँ।

आओ!
मुँह फुलाओ,
फूँक की औपचारिकता निभाओ।
ये साठों मोमबत्तियाँ
पहले से ही फूँकी हुई हैं।

अब,
केक काटो।
देखो न!
सब के सब
इसी इंतज़ार मे मुँह बाए खड़े हैं
निगलने के लिए।

ध्यान रखना!
केक पर सजे अपेक्षाओं के थक्के
जैसे सबके हिस्से मे जाए।
कोई डर नहीं
ये आँतें सब पचा लेती हैं. . .
इतिहास
जन्म
नाम
कविताएँ
संघर्ष
रक्त
त्याग
अरमान
. . .सब।

24 सितंबर 2007

इस रचना पर अपने विचार लिखें    दूसरों के विचार पढ़ें 

अंजुमनउपहारकाव्य चर्चाकाव्य संगमकिशोर कोनागौरव ग्राम गौरवग्रंथदोहेरचनाएँ भेजें
नई हवा पाठकनामा पुराने अंक संकलन हाइकु हास्य व्यंग्य क्षणिकाएँ दिशांतर समस्यापूर्ति

© सर्वाधिकार सुरक्षित
अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है

hit counter