अनुभूति में
अभिजित पायें की
रचनाएँ-
छंदमुक्त में-
आत्मा की पुकार
आतंक
जिंदगी
जीने के बहाने
सरपट दौड़ता वक्त |
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जिन्दगी
जिन्दगी होती तो
एक गाना.....
गा लिया होता हर दिन-हर
रात
पवन की लहरों में
गगन की षुभाओं में
जहाँ से आती होंगी
जीने की आशा।
प्रेम होता तो
और कुछ.....
तो दे देता
यह पता
ताकि समझें
हर घर
सम्प्रीति का स्वरूप।
आगे चलना
उन्हीं की ओर.....
चारों तरफ फैले
हँसी-खुशी की तस्वीर।
२४ नवंबर २००८ |